अपनी एनर्जी कैसे मैनेज करे ?How To Manage Your Energy
अपनी एनर्जी कैसे मैनेज करे ?How To Manage Your Energy
आजकल हर कोई टाइम मैनेजमेंट की बात करता है कि टाइम बचाओ, टाइम वेस्ट मत करो, ये करो, वो करो, फैलाना ढिमकाना… और भी बहोत कुछ पर आज के इस वीडियो में मैं बात करने वाला हूं – Don't Manage Your Time!
हाँ, आपने सही सुना! अपना टाइम मैनेज कभी मत करना।
मैं आपसे बस यही एक सवाल पूछना चाहता हूं – अगर आपने अपना टाईम बचा भी लिया, तो क्या करोगे उस बचे हुए टाइम का?
जब आपके अंदर उस बचे हुए टाइम को यूज़ करने के लिए एनर्जी ही नहीं बचेगी, जब आपका फोकस ही एक काम पर नहीं है, तो उस टाइम को बचाकर फायदा ही नहीं होगा। हमें टाइम को मैनेज नहीं करना है, हमें एनर्जी को मैनेज करना है। अगर यह मैनेज हो गई, तो आप 12 घंटे का काम 2 घंटे में कर सकते हैं।
हमारी प्रॉब्लम यह नहीं है कि तुम काम कम कर रहे हो और उसमें ज्यादा प्रोडक्टिव कुछ नहीं हो रहा। असल में, तुम दिनभर काम कर रहे हो, पर तुम अपनी एनर्जी का सही तरीके से इस्तेमाल नहीं कर रहे हो। फिर हम कंप्लेन करते है कि यार काम तो बहुत किया पर कुछ प्रोडक्टिव नहीं हुआ ।
जाहिर है कि हम सबके पास दिन के 24 घंटे होते हैं। उसमें से हम कितने घंटे काम करते हैं? 12 या 8 घंटे? बाकी के 12 घंटे में हम 8 घंटे सोते हैं, खाना खाते हैं, फैमिली को टाइम देते हैं और बाकी की चीजें कर लेते हैं। पर यही 12 घंटे में से कुल मिलाकर हम सिर्फ 1 से 2 घंटे पूरे फोकस के साथ काम करते हैं।
अगर यही 12 घंटे के बजाय हम पूरे एनर्जी और फोकस के साथ काम करें, तो 12 घंटों का काम हम 2 घंटे में कंप्लीट कर सकते हैं।
जेफ बेजोस और एलन मस्क भी ऐसे ही अपनी एनर्जी को यूज़ करते हैं। जिस समय उनकी एनर्जी हाई होती है, उसी समय पर वो अपने सबसे बेस्ट डिसीजन लेते हैं।
हर कोई टाइम मैनेजमेंट के रूल्स की बात करता है –
सुबह जल्दी उठो।
सबसे पहले अपने ज़रूरी काम कर लो।
जो कम ज़रूरी वर्क है, उसे दोपहर में करो।
जो कम इंपॉर्टेंस वाले काम हैं, उन्हें शाम को करो।
ऐसे बहुत सारे लोग हैं, जो फोकस के साथ काम करना चाहते हैं। सुबह जल्दी उठकर एक To-Do List बना लेते हैं और सोचते हैं कि आज पूरा दिन प्रोडक्टिव रहेंगे। लेकिन 2 घंटे काम करने के बाद ही –
एनर्जी डाउन होने लगती है।
माइंड ब्लैंक होने लगता है।
लो एनर्जी फील होने लगती है।
और यह human nature की एक कॉमन प्रॉब्लम है। ऐसा सिर्फ आपके साथ नहीं होता, सबके साथ होता है।
यहाँ प्रॉब्लम टाइम की नहीं है, प्रॉब्लम एनर्जी की है।
एनर्जी की डेफिनिशन – Ultradian Rhythms के हिसाब से काम करती है।
High-एनर्जी परफॉर्मेंस का एक ही सीक्रेट है –
💡 जितने घंटे आप काम करते हो, उससे ज्यादा ज़रूरी यह है कि आप कब और कैसे काम करते हो और कितनी एनर्जी और फोकस के साथ करते है ।
अगर हम अपने बॉडी के नैचुरल साइकल के हिसाब से काम करेंगे, तो बिना एक्स्ट्रा टाइम लगाए हमें ज्यादा आउटपुट मिल सकता है।
हर 90 मिनट काम करने के बाद, हमारी बॉडी को एक ब्रेक की जरूरत होती है। माइंड और बॉडी को रिचार्ज होने के लिए समय चाहिए। लेकिन होता क्या है?
जब भी हमारी एनर्जी डाउन होती है, फिर भी हम ज़बरदस्ती काम करने की कोशिश करते हैं। और इसका रिजल्ट क्या होता है? – आउटपुट घटता जाता है!
सक्सेसफुल इंसान वही होता है, जो अपनी "4 Dimensions of Energy" को बैलेंस करता है:
1️⃣ फिजिकल हेल्थ – तुम्हारी बॉडी की हेल्थ और स्टैमिना।
2️⃣ इमोशनल एनर्जी – तुम्हारा स्ट्रेस लेवल और तुम्हारे इमोशंस।
3️⃣ मेंटल एनर्जी – तुम्हारी Cognitive Clarity और फोकस।
4️⃣ आध्यात्मिक एनर्जी – तुम्हारा Purpose और Motivation!
अगर इन चारों में से एक भी चीज कमजोर हुई, तो तुम्हारी सारी परफॉर्मेंस डाउन होने लगेगी।
एक रिसर्च में यह पता चला है कि –
➡️ लगातार 4 से 5 घंटे फोकस के साथ काम करने के बाद, प्रोडक्टिविटी ऑटोमेटिकली डाउन हो जाती है।
➡️ बिना बॉडी को रिचार्ज किए जितना ज्यादा काम करोगे, उतनी ही वर्क क्वालिटी और स्पीड गिरती जाएगी।
अगर वर्क परफॉर्मेंस हाई रखनी है, तो ज्यादा घंटे काम करने से कोई फायदा नहीं होगा। हमें अपनी एनर्जी को दिमाग से इस्तेमाल करना होगा।
लोग दिनभर बिजी रहते हैं, 12-14 घंटे तक काम करते हैं, फिर भी उन्हें फील होता है कि कुछ प्रोडक्टिव नहीं हुआ।
यह भी एनर्जी मैनेजमेंट की ही प्रॉब्लम है। अगर आप अपनी एनर्जी को सही से मैनेज नहीं करेंगे, तो –
❌ आपकी वर्क क्वालिटी घटेगी।
❌ आपका स्ट्रेस लेवल बढ़ेगा।
क्या ज्यादा काम करने से ज्यादा सक्सेस मिलेगी?
अगर ऐसा होता, तो 12-14 घंटे काम करने वाले सभी लोग सक्सेसफुल होते। लेकिन ऐसा नहीं होता, क्योंकि वो अपनी एनर्जी का सही इस्तेमाल नहीं करते।
इसके कई कारण हैं –
⚡ सोशल मीडिया डिस्ट्रैक्शन।
⚡ नॉटिफिकेशन का डिस्टर्बेंस।
⚡ 7-8 घंटे की अच्छी नींद न लेना।
⚡ जंक फूड और खराब हेल्थ हैबिट्स।
⚡ स्ट्रेस और एंग्जायटी।
ये सारी चीजें माइंड और एनर्जी को डाउन कर देती हैं। और वर्क की क्वॉलिटी घट जाती है।
सोचकर देखो – जब दिमाग पर स्ट्रेस ज्यादा हो, तो छोटे-छोटे टास्क भी बड़े लगने लगते हैं। माइंड ब्लैंक होने लगता है। कुछ समझ नहीं आता ऐसे टाइम पर
अगर एनर्जी लेवल कम होगा, तो मोटिवेशन भी कम होगा, और वर्क क्वालिटी भी डाउन रहेगी।
सोल्यूशन – अपनी एनर्जी को मैनेज करो!
✅ पहला: Identify Your Energy Peak Hours
➡️ आपको अपने बॉडी को समझना पड़ेगा कि किस टाइम पर आप सबसे ज्यादा एनर्जेटिक फील करते हैं।
➡️ उसी टाइम पर अपने सबसे ज़रूरी काम और डिसीजन लेने हैं।
✅ दूसरा: काम के बाद ब्रेक लो!
➡️ 30 मिनट काम + 5-10 मिनट ब्रेक।
➡️ 3 घंटे पूरा फोकस + 15-20 मिनट ब्रेक।
✅ तीसरा: स्लीप और न्यूट्रिशन को सुधारो!
➡️ अच्छी नींद लो।
➡️ हेल्दी डाइट फॉलो करो।
➡️ डेली थोड़ी स्ट्रेचिंग और एक्सरसाइज करो।
✅ चौथा: मेंटल एनर्जी को मैनेज करो!
➡️ रूटीन सेट करो, जो आपको सूट करे।
निष्कर्ष:
⏳ टाइम मैनेजमेंट जरूरी है, लेकिन उससे ज्यादा जरूरी एनर्जी मैनेजमेंट है!
🔥 अगर आप एनर्जी के साथ काम को मैनेज करना सीख गए, तो कम टाइम में भी बहुत ज्यादा प्रोडक्टिव और क्वालिटी वर्क कर सकते हैं
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